Thought of the day

Saturday, November 24, 2007

जीवनसाथी से बढते विवाद - क्या करें 2

संबंधों को जीवंत रखने के लिए कुछ बातों को समझ लेना बेहतर होगा। बिना किसी विवाद में गए हमें यह मानना होगा कि स्त्री और पुरुष समान नहीं। चाहे हम नारी मुक्ति मोर्चा खोलें या कुछ और यह समझना ही होगा कि स्त्री और पुरुष भिन्न हैं। यहाँ चर्चा अधिकारों की नहीं प्रकृति की है। पर हम इसे भूलने लगते हैं।

अगर दोनों समान होते तो ईश्वर भी दो साँचों में ढालकर नहीं भेजता। कैसे लडकी बडी होती है तो गुडिया से खेलना, सजना-सँवरना सीख जाती है। कैसे लडके बडे होते होते धमाचौकडी मचाना सीख जाते हैं। एक बहुत छोटा प्रतिशत जनसंख्या ऐसी होती है जिसमें विपरीत लिंग के स्वभाव छलकते हैं। पर मूल प्रकृति नहीं बदलती।

कल मैंने चर्चा की थी 50 शिकायत और 10 विशिषताएँ लिखने की। आशा है न 50 शिकायत पूरी हुई होंगी न 10 विशेषताएँ। मगर बिना आपकी सूची देखे विश्वास से कह सकता हूँ कि जो सबसे पहली विशेषता आपने अपने साथी की लिखी वह बहुत है जीवन भर साथ चलने के लिए। पर समस्याएँ भी तो हैं और जब तक वे हैं साथ चलना आसान नहीं होगा।

आपके इंतज़ार को थोडा सा बढा रहा हूँ, पर सोच समझ कर। आज आप लिखेंगे 10 आपकी आदतें जो संभवतः आपके जीवनसाथी को पसंद नहीं और 10 वो आदतें जो उन्हें पसंद होंगी। विश्वास करें, आपका लिखा व्यर्थ नहीं जाएगा। कल आगे चर्चा बढाऊँगा – लिख कर रखें।


इसी क्रम में पिछले लेख -
जीवनसाथी से बढते विवाद - क्या करें 1
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