हाल ही सालों में व्यवसाय संबंधी परामर्श मेरा पसंदीदा विषय बन गया है। अक्सर सही व्यवसाय का चुनाव एक समस्या ही रहती है। लोगों के लिए व्यवसाय हालात चुनते हैं और फिर वे हालात में फँस कर रह जाते हैं।
अक्तूबर 2005 में जब यह व्यक्ति मेरे पास आया तो अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रहा था। बस एक ही सवाल था क्या व्यवसाय चुने की जिंदगी पटरी पर आ जाए। कुण्डली में मैंने निम्न बाते देखीं –
* व्यक्ति अस्थिर प्रकृति का है
* करेगा वही जो आसान हो और दिल माने
* नौकरी करना बेहतर है – पर इतना पढा नहीं कि समुचित आजीविका कमा सके
सब का मिश्रित विश्लेषण करने के बाद मैंने जो राय दी वह यूँ थी –
* किसी हस्तशिल्प का काम करें
* मगर काम पूरी तरह कमीशन पर करें
* साथ ही उसे कुछ सरल उपाय भी बताए
व्यक्ति ने राय मानी। आज निर्यातकों को मकराना पत्थर के बने सामान देता है और अच्छे से आजीविका कमा रहा है।