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Wednesday, December 12, 2007

भारतीय कालदर्शक (कैलेण्डर)

भारतीय कालदर्शक (कैलेण्डर) सौर और चन्द्र गणनाओं के समन्वय पर अधारित है। 1 संवत (साल) 12 महीनों में बँटा हुआ है।

महीनों के नाम –
हर महीना शुक्ल पक्ष से शुरू होता है। जिस नक्षत्र में पूर्णिमा पडती है उन्हीं के नाम पर महीनों के नाम हैं। वर्षारम्भ होता है चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से। नक्षत्रों व संबंधित महीनों के नाम इस प्रकार हैं -

चित्रा – चैत्र – March, April
विशाखा – वैसाख – April, May
ज्येष्ठ – ज्येष्ठ – May, June
पूर्व आषाढ – आषाढ – June, July
श्रवण – श्रवण – July, August
पूर्व भाद्रपद – भाद्रपद – August, September
अश्विनी – अश्विन – September, October
कृतिका – कार्तिक – October, November
मृगशिरा – मार्गशीर्ष – November, December
पुष्य – पौष – December, January
मघा – माघ – January, February
पूर्वा फाल्गुनी – फाल्गुन – February, March

सौर और चन्द्र गणनाओं में समन्वय रखने के लिए 19 वर्षों में 7 महीने बढाए जाते हैं। इस तरह हर तीन साल बाद 1 अधिक मास होता है।

तिथियों के नाम –
हर माह के दो पक्ष हैं – शुक्ल व कृष्ण पक्ष

शुक्ल पक्ष – अमवस्या की स्माप्ति से पूर्णिमा तक
कृष्ण पक्ष – पूर्णिमा के अंत से अमावस्या तक

हर पक्ष में 15 दिन होते हैं –
1 - प्रतिपदा
2 – द्वितीया
3 – तृतीया
4 – चतुर्थी
5 – पंचमी
6 – षष्टी
7 – सप्तमी
8 – अष्टमी
9 – नवमी
10 – दशमी
11 – एकादशी
12 – द्वादशी
13 – त्रयोदशी
14 – चतुर्दशी
15 – पूर्णिमा
30 – अमावस्या

ऋतुओं के नाम -
कुल 6 ऋतु हैं व इन्हीं 12 महीनों में समाईं हैं। हिन्दु धर्म में सभी त्योहार ऋतुओं के अनुरूप हैं।

वसंत – Spring – वसंतोत्सव (होली), शिवरात्रि, नवरात्रि

ग्रीष्म - Summer
वर्षा – Rain
शरद – Autumn – शिवरात्रि, नवरात्रि, विजय-दशमी, दीपावली,
हेमंत – Winter –
शिशिर – Cool – लोहडी,

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