Thought of the day

Astrology is said to be a window to Vedas just like vision to a man. An astrologer with the help time tested principles and various tools of prediction looks at the high & low tides in destiny and can unfold the mystery of future.

~ Jyotish Parichaye

Sunday, November 25, 2007

जीवनसाथी से बढते विवाद - क्या करें 4

हम यह चर्चा कर चुके हैं कि पुरुष सामान्यतः कुछ पल एकाकी पसंद करते हैं। अगर उन्हें एकाकी के क्षणों में बिल्कुल न छेडा जाए तो अक्सर उनमें नव-ऊर्जा समाहित होती है। पुरुष सामान्यतः अपने एकाकी के क्षण अपनी कोई रुचिकर कार्य करके, कोई पसंदीदा कार्यक्रम देखकर बिताना पसंद करते हैं। इस दौरान अगर उन्हें पुकारा जाए या उनका ध्यान भटकाया जाए तो वे सामन्यतः झल्लाते हैं या और ज्यादा इन्हीं कार्यों में तल्लीन हो जाते हैं। सबसे बेहतर है कि एक शांत सा संदेशा देकर छोड दिया जाए और फिर स्वयं उनके बात करने का इंतजार किया जाए।

स्त्रियां सामान्यतः अपने थकावट/परेशानी के क्षणों में अपने दिल की बात कह देना पसंद करती हैं। यदि उन्हें आगे से समुचित उत्साह न मिले तो वे यह मानने लगती हैं कि अब उनका महत्त्व कम हो रहा है। उन्हें अब प्यार नहीं किया जाता।

इसलिए यदि आप पाएँ कि आपकी पत्नी आप से कुछ कहना चहती हैं और आप अभी एकाकी में रहना चहते हैं तो सबसे बेहतर होगा कि आप उनसे कुछ ऐसा कहें “मैं समझ सकता हूँ कि तुम कुछ जरूरी बात करना चहती हो, मैं अभी चुस्त होकर सुनता हूँ”। और बाद में सुनें भी। मगर जब आप अपनी पत्नी से बात करें तो आप भी याद रखें कि उसका मूल स्वभाव आपसे भिन्न है। इसकी चर्चा मैं कल करूँगा।


इसी क्रम में पिछले लेख -
जीवनसाथी से बढते विवाद - क्या करें 3
जीवनसाथी से बढते विवाद - क्या करें 2
जीवनसाथी से बढते विवाद - क्या करें 1
Related Articles:
in Hindi
Relations
Society


Copyright: © All rights reserved with Sanjay Gulati Musafir