हस्तलिपि एक रेखाचित्र की तरह है जो आपके मन की गहराई तक छुपे भावों को भी उजागर कर देता है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे हम कोई ECG देखें तो हमें मात्र कुछ ऊपर नीचे चलती रेखा नज़र आती है। पर डॉक्टर जानता है कि क्या देखना है।
बात जापान की है। वहाँ लोगों में एक विशेषता देखी कि वे नोट बहुत लेते हैं। तो वार्त्ता के दौरान मैं अचानक उनका लिखा देखकर उनके व्यक्तित्त्व के बारे में कुछ कह देता था। वे हैरान इस बात पर होते थे कि मैं जापानी भाषा नहीं जानता फिर भी इतना सटीक कैसे कह पाया। बहुत सहज है। मैं क्या लिखा है पढ ही नहीं रहा था। मैं तो केवल उनके लिखे को एक ग्राफ की तरह से देख रहा था।
कुछ दिन पहले एक संस्था में हमने एक प्रयोग किया। उनके पास एक पोस्ट के लिए आवेदन आए थे। हस्त-लिखित होने के कारण उन्होंने मुझे बुलाया की किसका चयन इस पोस्ट के लिए अच्छा रहेगा। जो मैंने बताया उसे गुप्त रखा गया और इण्टरव्यू लेने वाले व्यक्ति को नहीं बताया। बाद में जिस व्यक्ति को और जिस कारण से चुना गया वो दोनों एक ही थे।
कहने का एक ही भाव है कि किसी भी व्यक्ति के भीतर झॅंकना हो तो उसकी हस्तलिपि भी एक झरोखा है। इसकी विस्तृत चर्चा आगामी लेखों में करूँगा।