Thought of the day

Astrology is said to be a window to Vedas just like vision to a man. An astrologer with the help time tested principles and various tools of prediction looks at the high & low tides in destiny and can unfold the mystery of future.

~ Jyotish Parichaye

Thursday, November 8, 2007

इंटरनेट को इंटरनेट ही रहने दें

हाल ही के दिनों में कुछ ऐसा हो रहा है कि मैं खुद को चर्चा करने से रोक नहीं पा रहा। जैसा कि सभी रोज़ देख रहे हैं, महसूस कर रहे हैं कि हिन्दी ब्लॉग का क्षेत्र बढ रहा है। रोज़ नए ब्लॉग और प्रतिभाशाली लेखक बढ रहे हैं। परिवार बढ रहा है तो समस्याएं तो आएंगी ही। मैं तो कुछ सुझाव ही दे सकता हूँ। यह किसी पर भी व्यक्तिगत आक्षेप नहीं है। किसी को बुरा लगे तो क्षमा करें।

* बहुत जगह पर देखता हूँ कि प्रतिस्पर्द्धा की भावना से लिखा जाता है। अच्छा है, किंतु वह आपके विचारों के पैनेपन में दिखे, आपकी कलम से मत छलकने दें।
* बहुत जगह पाता हूँ कि लोग चर्चा करते-करते अखाडे में उतर जाते हैं। क्या जरूरत है बन्धु। अपनी बात को साबित करने के लिए स्वस्थ चर्चा ही बहुत है, शब्दों की लाठी क्यों!

* आप किसी का लेख/रचना पढें – आपको पसंद है तो दो शब्द सराहना के ज़रूर लिखें। आपके दो शब्द और कुछ पल किसी के जीवन में क्रांति ला सकते हैं।

* यदि आप असहमत हैं तो आलोचना से बचें। और अगर आलोचना करनी ही है तो रचनात्मक करें।

बन्धु हम अपने घर/दफ्तर में कम्पयूटर पर बैठे नहीं जानते कि कोई किस परिस्थिति में है और किस मनोदशा में ब्लॉग पर लेख दे रहा है। हम सहयोग नहीं कर सकते तो कम से कम किसी की समस्या न बढाएँ।
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