Thought of the day

Sunday, July 20, 2008

विश्वास मत – ज्योतिषीय विश्लेशण

आखिरकार, समर्थन वापस ले ही लिया। वह दिन आ ही गया जिसे मैं वर्षों से देख रहा था।

राजनैतिक भविष्यवाणी करना हमेशा जोखिम भरा काम है। यहाँ लकीर के फकीर बहुत हैं।

वाजपेयी जी जब एक मत से हारे थे तो, समेत मेरे, सभी ने उनके जीतने की बात की थी। सच यह भी है के वे विश्वास मत हारने के बाद भी पदासीन रहे और अगला कार्यकाल भी पूरा किया। वह अब इतिहास है – समझने योग्य।

मेरे पिताजी आज दोपहर को सहज ही पूछ बैठे कि 22 जुलाई 2008 को क्या रहेगा! जो मैंने देखा वह आपके लिए भी प्रस्तुत है।

विश्वास मत मनमोहन सिंह जी ही जीतेंगे। आज उनके यहाँ रात्रिभोज पर क्या रहा, मैं अभी तक नहीं जानता। कुछ मित्र और विरोधियों की परिभाषाएँ बदल चुकी हैं, कुछ बदल जाएँगी। मामला बहुत नज़दीकी होगा।

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