क्या करें मुशर्रफ़ मियाँ अब आप राष्टृपति भी तो ऐसे देश के हैं जहाँ सत्ता पलट तो आम है। हम तो अपने लेख मुशर्रफ मियाँ – अब राह नहीं है आसान में आपको पहले ही आगाह कर चुके थे। हमने तो बताया था कि आप की दमनकारी नितियाँ काम नहीं आएँगी। हमने तो यह भी समझाया था कि पुराने देशी विदेशी मित्र भी पलट जाएंगे। पर साहब क्या करें – आपको भी तो शेर की सवारी में लुत्फ आ रहा था।
खैर यह तो होना ही था।
जाते जाते याद आया – हमने कहा था - सिंहासन तो पलटेगा ही – क्या एक खूनी सावन में... – तो साहब सावन (बरसात का मौसम) भी है, सिंहासन भी पलट गया – पर कुछ रह गया।
तो मुशर्रफ मियाँ – अब भी राह नहीं है आसान - चलिए जा ही रहें हैं तो अल्लाह हाफिज़।
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मुशर्रफ मियाँ – अब राह नहीं है आसान