Thought of the day

An astrologer can foresee events and guide an individual to live a better life within the framework of his/her destiny.

~ Jyotish Parichaye

Wednesday, September 29, 2010

जरूरत आत्मविश्लेषण की

कल अयोध्या पर फैसला आ जाएगा। स्वाभाविक है कोई कितना भी चाहे कानून का पलडा एक ओर झुक ही जाएगा। मैं नहीं जानता किधर, मैं नहीं जानना चाहता किधर। यदि कोई विचार, कोई जानकारी मेरे घर, मेरे देश की शांति को भंग करती है तो वह नहीं चाहिए मुझे।

मैं यहाँ पुरज़ोर इस बात को स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि मुझे गर्व है मेरा हिन्दू परिवार में जन्म हुआ और सनातन धर्म के साथ मेरी आस्था का जुडाव हुआ। पर मैं हमेशा ही कहता रहा हूँ कि धर्म या किसी भी अन्य विषय को लेकर चरमपंथ मुझे अस्वीकारणीय है।

दंगा-फसाद, झगडा यह जाति-पाति नहीं देखते –
* क्या 1947 में केवल किसी एक पक्ष की हानि हुई ?
* क्या 1984 में केवल किसी एक पक्ष ही हानि हुई ?
* क्या 1992 में केवल किसी एक पक्ष की हानि हुई ?

कम या ज्यादा प्रभावित समाज का हर पक्ष हुआ। पर हानि केवल दो की हुई – राष्टृ की, या मानवता की।

धर्म बनाए गए ताकि इंसान इंसान रह सके। पर हम इंसानियत छोड केवल धर्म के पक्षधर बन बैठे।

यदि राम केवल अयोध्या में हैं तो विश्वभर में लाखों मंदिर क्यों? और यदि अल्लाह केवल मक्का में हैं तो विश्वभर में इतनी मस्जिद क्यों?

सर्वव्यापी को विवादों या दीवारों में न बाधें तो बेहतर होगा।

आज जरूरत है आत्मविश्लेषण की, यह सोचने की कि हम सबसे पहले कौन हैं – इंसान या ...

जिन्हें राजनीति करनी है, उनके बारे में मत सोचें – हमारी सोच बदल जाएगी तो उन्हें अपनी राह तक बदलनी पडेगी।
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