Thought of the day

Friday, November 9, 2007

ज्योतिष - जागो हे बन्धु

मैं हमेशा ही कहता हूँ कि न तो ज्योतिषी को किसी बहस में पडने की जरूरत है न कुछ साबित करने की! अगर ज्योतिषी ईशवर से जुडा है तो सब उसी पर छोड दे। जो बात करनी है वह ग्रह खुद ही कर लेंगे।

अब इस ई-पत्र को देखें बाकी खुद समझ आ जाएगा। आवश्यकता ही नहीं तर्क-कुतर्क करने की।

From: c.... c......@yahoo.co.jp
Date: 9 Nov 2007 17:05
Subject: Happy Deepawali
To: Sanjay Gulati Musafir

Happy Deepawali
Namaskar!
how are you?
My name is M.... C.....
I met you in Japan.
I do not understand Hindi.
However,I understood that devanaagarii written towards the last was a name of
Sanjay Gulati Musafir ji.
I study Sanskrit a little.

When you were in Japan, what you predicted proves right.
Thanks and Regards,
C....
From: Sanjay Gulati Musafir
Date: 9 Nov 2007 19:27
Subject: Re: Happy Deepawali
To: c....
God Bless you C.....!
Spread the light of Astrological Wisdom in Japan!
Best regards
Sanjay Gulati "Musafir"

मुझे तो पूरे पत्र में केवल दो बातें ही समझ आई। पहली कि ज्योतिष का विस्तार भी ‘विश्वास’ ही है। और दूसरा यह कि जिस धरोहर को हम भूल रहे हैं, उसे दूसरी संस्कृतियाँ सहर्ष स्वीकार कर रही हैं। और कुछ वर्ष बाद हम ही उस धरोहर को ढूँढने के लिए विदेशों का मुँह ताकेंगे।
यहाँ यह बताना जरूरी समझता हूँ कि इस महिला ने पहले दक्षिण भारत से, फिर मुझसे ज्योतिष सीखी और अब स्वयं जापान में ज्योतिष पढाती हैं।

जागो बन्धुओ।
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