Thought of the day

Astrology is said to be a window to Vedas just like vision to a man. An astrologer with the help time tested principles and various tools of prediction looks at the high & low tides in destiny and can unfold the mystery of future.

~ Jyotish Parichaye

Tuesday, October 30, 2007

काला जादू और ज्योतिष

हमारी जीवन शैली नित्य जटिल हो रही है। सच यह भी है कि हम ही में से अधिकतर शीघ्र लाभ (instant relief or instant benefit) की उपेक्षा रखते हैं। कभी कभी यह उपेक्षा अपनी सीमओं क अतिक्रमण भी कर जाती है और कुछ लोग तांत्रिक क्रिया, टूना-टोटका आदि करने/करवाने लगते हैं।

मेरा निजी अनुभव क्या है – यह महत्त्वपूर्ण नहीं। जो महत्त्वपूर्ण है, वह है किसी भुक्तभोगी का अनुभव। केवल वही समझ सकता है जिसने इसे भोगा हो या जिसने स्वयं किसी को भोगते देखा हो। सुनी-सुनाई बात सिर्फ गप मारने में अच्छी लगती हैं।

पर मैं इसकी चर्चा क्यों कर रहा हूँ। इस बार जब जापान गया तो आम लोगों में काले जादू का भय कुछ बढा हुआ पाया। यही हाल अब भारत में भी हो चला है। अब प्रश्न ज्योतिषी के आगे केवल एक ही आता है – और आना भी चहिए – कि जो अनुभव यजमान बता रहा है वे वहम भर हैं या सच में किसी काले जादू का असर। शुरू में जब पहले कुछ मामले मेरे सामने आए तो यही सवाल मैंने अपने ज्योतिषगुरू जी से किया। वे हँसकर बोले कि तज़ुर्बे के साथ जान जाओगे।

समयचक्र का खेल देखिए। इस बार जापान में मैं अपने शिष्यों को समझा रहा था कि यह कुछ मूल आधार हैं दोनों मानव मन की संभावनाओं को पढने का। और जब उन्होंने वही सवाल मुझसे पूछा तो मैं हँसकर बोला “तज़ुर्बे के साथ जान जाओगे”।

सच यह है कि दोनों परिस्थितियों को कुण्डली का निरीक्षण करके तत्काल अलग किया जा सकता है। मज़े की बात यह है कि इससे मुक्ति का उपाय भी कुण्डली ही सुझाती है।
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