हाल ही के दिनों में काफी कुछ लिखा गया सिंदूर के बारे में। देखा जाए तो सिन्दूर, माथे की बिन्दी आदि अब सौन्दर्य प्रसाधन बन गए हैं। पर क्या ये केवल श्रृंगार भर हैं, आइए विचार करें।
आज कल तो पलास्टिक व अन्य पदार्थों से बनी बिन्दियाँ बाजार में सुलभ हैं। केवल चिपकाओ और काम खत्म। बस यहीं से मेरी चर्चा शुरू होती है।
हमारे शरीर में कुल सात चक्र हैं तथा मस्तिष्क आज्ञा चक्र का स्थान है। आज्ञा-चक्र पर लाल रंग की रौली (सिंदूर) लगाने से स्त्रियों में मासिक-धर्म नियमित होता है। इसके अतिरिक्त स्त्रियों में जननेंद्रियाँ भी स्वस्थ रहती हैं।
कर्ण-छेदन व नाक छेदना भी केवल श्रृंगार भर नहीं। हाँ याद इतना ही रखना है कि कानों में बालियाँ पहनें टॉपस नहीं। यह भी मदद करते हैं स्त्रियों से संबंधित कुछ रोगों को दूर रखने में। केवल सजने-सँवरने की बात होती तो मैं परेशान नहीं करता। मगर सवाल है आपके सामान्य स्वास्थ्य का इसलिए अब सोचना आपको है कि आप क्या चाहती हैं।
पुरूषों के लिए चर्चा कल ...
आज कल तो पलास्टिक व अन्य पदार्थों से बनी बिन्दियाँ बाजार में सुलभ हैं। केवल चिपकाओ और काम खत्म। बस यहीं से मेरी चर्चा शुरू होती है।
हमारे शरीर में कुल सात चक्र हैं तथा मस्तिष्क आज्ञा चक्र का स्थान है। आज्ञा-चक्र पर लाल रंग की रौली (सिंदूर) लगाने से स्त्रियों में मासिक-धर्म नियमित होता है। इसके अतिरिक्त स्त्रियों में जननेंद्रियाँ भी स्वस्थ रहती हैं।
कर्ण-छेदन व नाक छेदना भी केवल श्रृंगार भर नहीं। हाँ याद इतना ही रखना है कि कानों में बालियाँ पहनें टॉपस नहीं। यह भी मदद करते हैं स्त्रियों से संबंधित कुछ रोगों को दूर रखने में। केवल सजने-सँवरने की बात होती तो मैं परेशान नहीं करता। मगर सवाल है आपके सामान्य स्वास्थ्य का इसलिए अब सोचना आपको है कि आप क्या चाहती हैं।
पुरूषों के लिए चर्चा कल ...
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