Thought of the day

Wednesday, January 23, 2008

मुहूर्त्त का महत्तव

ज्योतिष में सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि व रवि योग मान्य हैं। जैसा कि योगों के नाम से सुस्पष्ट है कि ये सभी शुभ फलदायक योग हैं। यदि किसी दिन अच्छा योग चल रहा हो तो क्या वह सबके लिए अच्छा होगा?

एक हमारे ज्योतिषी मित्र ने यह कहकर कि यदि उस दिन कोई परीक्षा चल रही हो तो सभी तो उत्तीर्ण नहीं होंगे, एक सिरे से इन योगों के महत्त्व को ही नकार दिया। कभी कभी ऐसी चर्चा सुनकर दुःख भी होता है कि ज्योतिषी-समाज इतनी मूर्खतापूर्ण बात कैसे कर सकता है। कोई अनजान व्यक्ति कहे तो समझ आता है।

कोई भी योग या सामान्य संसाधित मुहूर्त्त केवल दिशा-चिन्ह है कि अमुक दिन विचारणीय है। मैं अपने पूर्व लेख मुहूर्त्त – कब और क्यों में बिल्कुल साफ बता चुका हूँ – सही दिन के चयन के बाद सही घडी (घटी) का चयन भी बहुत महत्त्वपूर्ण है।

संबंधित लेख व जानकारी –
मुहूर्त्त – कब और क्यों
यात्राएँ और सप्ताह के दिन

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