Thought of the day

Monday, January 28, 2008

क्यों होती हैं त्यौहार की तारीखें आगे-पीछे

हम पिछले लेखों में जान चुके हैं कि मूल रूप से क्रिश्चिअन और विक्रमी कालदर्शक में भिन्नता है। जहाँ क्रिश्चियन कालदर्शक केवल सौर गणनाओं पर आधारित है, विक्रमी सौर चन्द्र दोनों। यहाँ जानकारी स्वरूप यह बताना बेहतर रहेगा कि हिजरी (मुस्लिम) कालदर्शक केवल चन्द्र गणनाओं पर आधारित है।

अब होता क्या है?

चूँकि क्रिश्चिअन कालदर्शक आजकल प्रचलित है अतः हम उसे आधार मानकर सब कुछ देखते हैं। चलिए सुविधा के लिए अभी हम भी ऐसा ही कर लेते हैं।

हिजरी चन्द्र गणनाओं पर चलता है – इसलिए मुस्लिम त्यौहार हर साल दस दिन पीछे जाते लगते हैं।

विक्रमी सौर और चन्द्र दोनों गणनाओं में समन्वय करके चलता है। 19 वर्षों के अंतराल में नियमानुसार 7 माह बढाए जाते हैं। लगभग हर तीसरे वर्ष एक माह अधिक – जिसे ‘अधिक मास’ कहते हैं। इससे हिन्दु त्यौहार दो साल तक दस-दस दिन पीछे जाते हैं और तीसरे साल सीधा 20 दिन आगे – लगभग 3 वर्ष पूर्व की क्रिश्चिअन तारीख पर।

लेकिन जैसा कि कह चुका हूँ – पहला, सभी अलग अलग पद्धतियां हैं। और दूसरा हिन्दु कालदर्शक 19 वर्ष का चक्र है।

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