Thought of the day

Life stream is guided by Destiny. But we are open to perform our daily karma. Our daily karma becomes a guideline to our destiny.

~ Jyotish Parichaye

Friday, March 18, 2011

महात्मा जी का मर्म

मुझे बहुत वर्ष लगे गाँधी जी के मर्म को समझने में। शायद अब भी समझ ही रहा हूँ। मैं हमेशा सोचा करता था कि क्यों सिर्फ एक घटना के चलते गाँधी जी ने असहयोग आंदोलन बंद कर दिया और वह भी हठधर्म तक जाकर। अब समझ आता है।

यदि उस समय गाँधी जी चौरा-चौरी की घटना को मात्र एक दुर्घटना मानकर नजरअंदाज़ कर देते तो स्वीकारणीय मापदण्डों में गिरावट को स्वीकार करने जैसा होता। और शायद फिर घटनाएँ और उन्हें स्वीकार करने का एक दौर ही शुरू हो जाता।

पर यह सब मैं आज क्यों कह रहा हूँ – अभी-अभी समाचार पढा कि राजस्थान में एक SHO को जिन्दा जला दिया गया।

कब तक हम अपने मापदण्डों को गिरने देंगे और इंसानियत का बलात्कार खुलेआम स्वीकार करते रहेंगे ? 
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