Thought of the day

Life stream is guided by Destiny. But we are open to perform our daily karma. Our daily karma becomes a guideline to our destiny.

~ Jyotish Parichaye

Sunday, October 28, 2007

क्षमा याचना

क्षमा करें प्रभु दोष ये मेरा
मैं हूँ बालक अवगुण का ढेरा
आए तुम ना देखा तुमको
माया से भरमाया मन मेरा

चली पवन जो वो तुम ही थे
उसमें जो जीवन वो तुम ही थे
थे बादल तुम, रंग केसरिया तुम थे

फूल फूल को जाती तितली
हे निर्गुण वो तितली तुम थे

वो भंवरे जो फूलों पर मंडराए
सब दिशा की खुशबू लाए
वो फूल, वो भंवरे, वो खुशबू तुम थे

दर्शन को वो प्यासी अँखियाँ
वो नाम तेरे, चिडियों की सरगम
हे नाथ मेरे वो तुम ही तुम थे

बुझ गए दीपक, छुप गए तारे
अंधेरों मे आशा के द्वारे
वो जलते बुझते दीपक तुम थे

लेकर नई आशा का सूरज
हुई प्रभात तो जगमग तुम थे

तुम हो मैं ही, मैं भी तुम हो
बनकर शंका बैठा जो मन में
वो निराधार वो निर्गुण तुम थे

तुम थे पर न देखा तुमको
आँखों को छलती माया भी तुम थे
तुम ही तुम हो, तुम ही तुम थे

होगा दोष कुछ मेरा ही स्वामी
जो तुम मेरी आँखों से गुम थे

क्षमा करें प्रभु दोष ये मेरा
मैं हूँ बालक अवगुण का ढेरा
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