क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिले हैं जो अपने हाथ को देखकर कहता हो “मैं बहुत कम उम्र में ही मर जाऊँगा”।
अगर उससे पूछें कि वह ऐसा क्यों कहता है, तो उत्तर होगा – “किसी ने हाथ देखकर बताया है” या “मैं जानता हूँ”। यही सामान्य उत्तर मिलते हैं। दरअसल वे यह बताने से कतराते हैं कि उन्होंने अपने हाथ में छोटी जीवन रेखा देखी है।
मगर, जब वह सोचता था कि वह मर चुक होगा, उसके भी दस साल बाद वह व्यक्ति आपको अगले पूरे सप्ताह की सब्जी खरीदता बाजार में मिल जाएगा।
यह सच है कि आयु का अनुमान जीवन रेखा से ही लगाते हैं पर वैसे नहीं जैसी की आम धारणा है।
अगर उससे पूछें कि वह ऐसा क्यों कहता है, तो उत्तर होगा – “किसी ने हाथ देखकर बताया है” या “मैं जानता हूँ”। यही सामान्य उत्तर मिलते हैं। दरअसल वे यह बताने से कतराते हैं कि उन्होंने अपने हाथ में छोटी जीवन रेखा देखी है।
मगर, जब वह सोचता था कि वह मर चुक होगा, उसके भी दस साल बाद वह व्यक्ति आपको अगले पूरे सप्ताह की सब्जी खरीदता बाजार में मिल जाएगा।
यह सच है कि आयु का अनुमान जीवन रेखा से ही लगाते हैं पर वैसे नहीं जैसी की आम धारणा है।
(मेरी पुस्तक ‘टॉक टू यॉर लाइनज़ – पामिस्ट्री’ से उद्धृत व अनुवादित)