Thought of the day

Often people mistake Raj Yoga dasha to be period of material growth. But they forget that the basis of Raj Yoga is yoga. A person who uses Rajyoga dasha for spiritual growth is truly wealthy.

~ Jyotish Parichaye

Tuesday, December 18, 2007

कुण्डली मिलान – क्या है सच

कुण्डली मिलान और मुहूर्त्त हमेशा से ही विवादों से घिरा विषय रहा है। विदेशों में कुण्डली मिलाते हैं या नहीं; अन्य धर्मों में मिलाते हैं या नहीं; उन विवाहों का क्या होता है – यह बहस तो हमेशा रहेगी। विवाद है तो उसे वहीं रहने दो – अपना पक्ष रखो और सोचना उनके लिए छोड दो जिन्हें (अपने लिए) निर्णय लेना है।

हाल ही के वर्षों में मैंने यह पाया कि कुछ लोग जो ज्योतिष की मुख्यधारा से अलग काम कर रहे हैं, अपनी बात कहने के लिए ज्योतिष के मूल सिद्धांतों को ही चुनौती देने लगते हैं। सवाल है कुण्डली मिलान की पद्धति का। कहीं ज्योतिष में नहीं लिखा कि केवल चन्द्र-नक्षत्र के आधार पर गुण मिलान करके कुण्डली मिलान करो। यह तो केवल एक शुरूआती संकेत है। शुरूआती संकेत भर को पूरी ज्योतिष मान लेना – क्षमा करें मूढता से अधिक कुछ नहीं।

बाज़ार में चोर-उचक्के ज्योतिष के स्वांग में कुछ भी करें – वे ज्योतिषी तो नहीं। हर झुग्गी-झोपडी में इसी तरह डॉक्टरी का स्वाँग करते बे-ईमान मिल जाएंगे। अब क्या उन्हें भी डॉक्टर मान लें।

मुझे नहीं याद इतने वर्षों में एक भी कुण्डली केवल गुणों के आधार पर मिलाई हो या नकार दी हो। हाँ गुण देखे भी न हों और कुण्डली मिलान किया हो – ऐसे बहुत उदाहरण हैं मेरे पास।

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