अगर किसी को प्यार करते हैं तो जताना उससे भी ज्यादा जरूरी है। हम अक्सर रिश्तों में ऐसा नहीं करते। यह सम्स्या पुरुषों के साथ विशेष होती है। स्त्रियों की मूल प्रकृति में ही प्यार जताने की आदत होती है।
एक दिन एक युगल से चर्चा चल रही थी। पत्नी ने कहा, कि इन्हें कभी ऑफ़िस फोन कर दो तो मुझ पर झल्ला जाते हैं। पति बोले इसे समझना चाहिए कि मैं कहाँ हूँ।
मैंने उस व्यक्ति से पूछा, “आज तुम्हारी छुट्टी है और अभी तुम्हारे बॉस (या कंपनी के फोरमैन) का फोन आ जाए तो पहले दुआ-सलाम करोगे या झल्ला पडोगे”। अगर बॉस के साथ नहीं तो तो पत्नी के साथ क्यों? आप यदि अपने जीवनसाथी को प्यार या सम्मान से संबोधित करते हैं तो हो सकता है सभी की आंखों में पल भर को शरारत दौड जाए पर दिल में आपके प्रति इज्जत बढेगी ही।
शादी के बाद कितनी बार आपने अपनी पत्नी से कहा है कि आज सुन्दर दिख रही हो, यह पोशाक में तुम और भी अच्छी लग रही हो, या आज खाना बहुत स्वाद बनाया है। हाँ किसी दिन नमक-मिर्च ऊपर हो जाए तो...। शाम को आकर कितनी बार आपने बिना शारीरिक भूख के पत्नी को गले लगाया है। नहीं तो बन्धु इसे अपनी आदत का हिस्सा बना लें। और फिर देंखें चामत्कारिक परिवर्तन। कल चर्चा करूँगा स्त्रियों के लिए खास सावधानियों का।
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