Thought of the day

Friday, December 28, 2007

आप किससे लेते हैं राय

अक्सर हमारे जीवन में ऐसे दोराहे आते हैं जब हमें चयन करना पडता है – एक रास्ता। पर सवाल यह है कि हम कौन सा मार्ग चुनते हैं और क्यों।

एक चलचित्र से दृष्टांत याद आता है। किसी फैक्ट्री की मशीन बिगड जाती है। कारीगर बुलाया जाता है। वह एक हथौडी मारता है और मशीन ठीक हो जाती है। कारीगर रू 1000 अपनी मज़दूरी माँगता है। मालिक तुनक कर पूछता है “एक हथौडी मारने के रू 1000, यह तो कोई रू 1 में भी मार देता”। इस पर कारीगर उत्तर देता है “हथौडी मारने का तो रू 1 ही है रू 999 तो हथौडी कहाँ मारनी है इस जानकारी के हैं”

शायद यही फर्क एक विशेषज्ञ और आम आदमी में है। मेरे अनुभव से विशेषज्ञ मुझे कभी महँगा नहीं पडा। हाँ न जाना बहुत बार महँगा पडा।

हम औषध-विक्रेता से परामर्श कर दवाई ले लेते हैं। हमारे पास ज्योतिषी को फोन करके पूछने का समय तो है पर जा कर पूछ्ने का नहीं! कई महत्त्वपूर्ण कारणों के पीछे फीस बचाने का लालच भी छिपा रहता है। पर वे सभी शायद इस एक तथ्य को भूल जाते हैं कि आपने किस भाव व भावना से प्रश्न पूछा वही आपका उत्तर है।

संबंधित लेख –
Related Articles:


Copyright: © All rights reserved with Sanjay Gulati Musafir