Thought of the day

Life stream is guided by Destiny. But we are open to perform our daily karma. Our daily karma becomes a guideline to our destiny.

~ Jyotish Parichaye

Saturday, January 19, 2008

भारत की आत्मा – आध्यात्मिक भारत 1

बात अप्रैल 2002 की। जापान के एक प्रसिद्ध धर्म-प्रचारक मुझसे मिलने आए। परस्पर अभिवादन के बाद चर्चा आध्यात्म पर चल पडी। जो उनसे कहा वही शब्द दोहरा रहा हूँ –

“ईश्वर बहुत ही भोले हैं। कोई भी उनसे कुछ भी माँगता है वे ‘तथास्तु’ कह देते हैं। ईश्वर वचनबद्ध हैं कि कोई उनसे कुछ माँगेगा तो वे देंगे जरूर। पर वचन यह नहीं है कि कब और कैसे।

भगवान राम अपने पालने में खेल रहे थे। एक दासी ने उन्हें देखा तो इच्छा हुई ‘कितन प्यारा बच्चा है। इच्छा होती है इसे अपने स्तन से दूध पिलाऊँ’। ईश्वर तो हैं ही सहज। कर दी इच्छा पूरी। अगला जन्म पूतना बन कर लिया और स्वयं राम के पुनर्वतार को दूध पिलाया।

केवल एक इच्छा और फल देखिए – एक और जन्म, और मानव योनि से राक्षस योनि। इच्छाएँ तो केवल पतन का मार्ग खोलती हैं। बेहतर यह नहीं कि इच्छाएँ पूर्ण हों, बेहतर यह है कि इच्छाएँ उत्पन ही न हों”

मेरी बात पूर्ण हुई तो वे बोले – “आया था तो सोचकर कि बहुत सवाल करूँगा, पर अब तो प्रश्न ही समाप्त हो गए”


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