Thought of the day

I cannot choose how I feel, but I can choose what I do about it.

~ Jyotish Parichaye

Sunday, January 20, 2008

यात्राएँ और सप्ताह के दिन

ज्योतिष में किसी वार विशेष में विशेष दिशा की यात्रा करना अनिष्टकारी बताया गया है। एक ज्योतिषी ने अपने किसी लेख में चर्चा कर इस सिद्धांत के अस्तित्त्व पर सवाल उठाया। उन्होंने प्रश्न किया हर रोज़ रेलगाडियां हर दिशा में यात्रा करती हैं, वहाँ कोई अनिष्ट नहीं होता। अतः उनके अनुसार यह सिद्धांत ही गलत है।

धन्यवाद मित्र। इसलिए नहीं कि आपने कुछ सिद्ध कर दिया, बल्कि इसलिए कि आपके लेख ने मुझे यह बात कहने की प्रेरणा दी।

हमें सैद्धांतिक तौर पर सिखाया जाता है कि हमारे महर्षियों ने अगर कुछ कहा है तो मनन करो उसका क्या अर्थ होगा। यहाँ समझने की बात इतनी सी है कि मुहूर्त्त दैनिक कार्यों में नहीं देखा जाता। यह केवल विशेष कार्यों में ही देखा जाता है। और हम करते उल्टा हैं – रोज़ मुहूर्त्त के नियम लगाते रहते हैं और जब लगाने चहिए “हम वहम नहीं करते” कह कर निकल जाते हैं।

एक उदाहरण से समझें – एक व्यक्ति रोज़ दिल्ली से चण्डीगढ जाता है नौकरी करने, यहाँ मुहूर्त्त, दिशा-वेध, राहुकाल आदि नहीं देखा जाएगा। पर एक अन्य व्यक्ति किसी काम-विशेष से चण्डीगढ जा रहा है तो दिशा-वेध, मुहूर्त्त सब देखा जाना चाहिए।

दिशा वेध इस प्रकार है –
पूर्व दिशा – सोमवार, शनिवार
पश्चिम दिशा – रविवार, शुक्रवार
दक्षिण दिशा – गुरूवार
उत्तर दिशा – मंगलवार, बुधवार


जरूर पढें –
मुहूर्त्त – कब और क्यों

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