Thought of the day

Life stream is guided by Destiny. But we are open to perform our daily karma. Our daily karma becomes a guideline to our destiny.

~ Jyotish Parichaye

Wednesday, January 30, 2008

ज्योतिष यूँ भी

अक्सर ज्योतिष के आलोचक एक बात कहते हैं – इसमें कुछ भी स्पष्ट ढूँढ पाना आसान नहीं। और मैं कहता हूँ – “शुक्र है कि आसान नहीं, नहीं तो हर कोई केवल अपने और अपने परिवार की कुण्डली जाँचने भर के लिए ज्योतिषी बन जाता”।

सच यह भी है कि ‘ज्योतिष बहुत आसान है’। मैं तो अपने हर विद्यार्थी से कहता हूँ – “सब स्पष्ट दिखता है, बस वो नजर पैदा करो। यही फर्क है ज्योतिषी-ज्योतिषी में”।

अभी कुछ दिन पहले मैं बैंक गया। जिस काऊण्टर पर मुझे काम था, वह व्यक्ति कुछ असामान्य हरकतें कर रहा था। कुछ ऐसी जो आम नजर से छूट जाएँ। वह अपने काम में संलग्न था और मैं क्या करूँ? उसने ऐनक पहनी थी। मैंने पूछा – “तुम्हारी बाँई आँख ज्यादा कमज़ोर है?”

वह चौंककर बोला – “आपको कैसे पता चला, क्योंकि फर्क तो बहुत मामूली है” और मैं मुस्कुरा दिया। मेरा काम हो चुका था। मैं तो स्वयं को पुनः समझाना चाहता था कि ‘यदि कोई ग्रह निर्बल होगा तो उसके सभी शुभ फलों पर असर आएगा’। बाँई आँख का कमजोर होना तो केवल पुष्टि थी इस बात की कि मैं उसके स्वभाव की अनियमितता को सही पकड रहा था।

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