Thought of the day

Astrology is said to be a window to Vedas just like vision to a man. An astrologer with the help time tested principles and various tools of prediction looks at the high & low tides in destiny and can unfold the mystery of future.

~ Jyotish Parichaye

Wednesday, January 2, 2008

उलझते रिश्ते – कैसे सुलझाएँ 2

कल हमने चर्चा की थी आम जीवन में सुनाई देती कुछ आवाजों की। हम जो कहते हैं वह उन्हें समझ नहीं आता और वे भी यही समझते हैं कि हम उनकी बातें नहीं समझ रहे। समय बीतता जाता है समस्याएं गम्भीर रूप धारण कर लेती हैं।

कितने ही लोग मेरे पास आते हैं कि –
* अब उस व्यक्ति के साथ मेरा निर्वाह नहीं
* अब उस ऑफ़िस में काम करना बहुत मुश्किल है

ये समस्याएँ आम हैं। हालात से भागकर हल नहीं निकल सकता। मैं तो तलाक के मामलों में पहली राय यही देता हूँ। अगर आज तुमने तालमेल बिठाना नहीं सीखा तो अपनी भावी पीढियों को क्या सिखाओगे। मेरी बात में ‘बगावत की बू’ हो सकती है। पर इस तथ्य को आजमा कर देख लो – जिस युगल में परस्पर तालमेल की समस्या रही आगे उनकी संतानें भी इसी समस्या से ग्रस्त हैं।

तो आइए मिलजुल कर एक प्रयास करें इस कुचक्र को तोडने का और कोशिश करें यह समझने की कि कितनी आसानी से हम उलझते रिश्तों को सुलझा सकते हैं।


इसी क्रम में पिछले लेख –
उलझते रिश्ते – कैसे सुलझाएँ - भाग
1

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जीवनसाथी से बढते विवाद – क्या करें - भाग -
8 , 7 , 6 , 5 , 4 , 3 , 2 , 1

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