Thought of the day

Astrology is said to be a window to Vedas just like vision to a man. An astrologer with the help time tested principles and various tools of prediction looks at the high & low tides in destiny and can unfold the mystery of future.

~ Jyotish Parichaye

Monday, January 7, 2008

उलझते रिश्ते – कैसे सुलझाएँ 7

तो साहब कैसा लगा कल ‘वायुसम’ से मिलकर। आपके जवाब खत्म हो गए, पर उनके सवाल नहीं। और चिंता मत कीजिए अब भी वे ‘और जानकारी’ चाहते हैं। कल आप जो भी जानकारी उनके पास छोड आए थे अब तक तो वे उसे अच्छे से चाट चुके हैं। अब उनके सवाल और सटीक व बारीक हो चुके हैं। अब जो आपको नहीं पता उनको पता है लेकिन, “एक बात बताना ज़रा...”

तो आइए आज आपकी मुलाकात करवाते हैं ‘भूमिसम’ व्यक्तित्त्व से।

स्वाभाव मानो हमारी धरा – शांत, अडिग, सब कुछ सह जाने वाली। किसी से कोई शिकायत नहीं। सबके साथ पर सबसे अलग। किसी ने कह दिया यह करो तो कर दिया। किसी ने कहा वह करो तो कर दिया। किसी ने कुछ नहीं कहा तो ...। अब कुछ कहा ही नहीं था।

कभी कभी ‘भूमिसम’ और ‘अग्निसम’ व्यक्तित्त्व में धोखा हो जाता है। ऐसा तब होता है जब भूकम्प होता है। अरे मित्रों भूमि वाला नहीं ‘भूमिसम’ वाला। यद्यपि इस व्यक्तित्त्व के लोगों में सहनशक्ति असीम होती है, पर कभी कभार ज्वालामुखी फट ही जाता है अन्दर के लावा को निकालने के लिए। हाँ लावा बाहर भूमि शाँत। पर अग्नि तो साक्षात ज्वाला है – हर समय जलती (या जलाती) है।

अतः व्यक्तित्त्व पहचानते समय अन्य जरूरी लक्ष्णों पर भी ध्यान दें।


इसी क्रम में पिछले लेख –
उलझते रिश्ते – कैसे सुलझाएँ - भाग
1 , 2 , 3 , 4 , 5 , 6

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जीवनसाथी से बढते विवाद – क्या करें - भाग -
8 , 7 , 6 , 5 , 4 , 3 , 2 , 1

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